भारत एक हिंदू मातृभूमि है जिसमें कई हिंदू और अन्य धार्मिक मंदिरों के साथ समृद्ध हिंदू सांस्कृतिक विरासत है।
पवित्र नदियों से लेकर अलंकृत मंदिरों तक, भारत देश भर में कई प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल है।
नीचे हमने भारत में हिंदू आध्यात्मिक स्थानों को सूचीबद्ध किया है।
भारत के हिंदू आध्यात्मिक स्थान Hindu Spiritual Places In India
माता वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू और कश्मीर / Mata Vaishno Devi Temple
माता वैष्णो देवी मंदिर भारत के हिंदू आध्यात्मिक स्थान (Hindu Spiritual Places In India) में से एक है।
वैष्णो देवी (जिसे माता रानी, त्रिकुटा, अम्बे और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है) हिंदू माता देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। यह जम्मू और कश्मीर में त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि माता वैष्णो देवी वास्तव में अपने उत्साही भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं।
इस पवित्र स्थल पर, आप सुंदर दृश्यों और पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं और देवी माता वैष्णो देवी के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं। यहीं पर माता वैष्णो देवी ने पवित्र गुफा में अपनी यात्रा का समापन किया, जहां उन्होंने अपने मानव रूप को अपने रचनाकारों के सूक्ष्म रूप, तीन सर्वोच्च ऊर्जाओं (पवित्र पिंडियों) के साथ मिला दिया।
वैष्णो देवी पहुच कर क्या करे: माता वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करें, सुंदर दृश्यों और पहाड़ियों, छोटी गुफाओं का आनंद लें और देवी लक्ष्मी के प्रति सम्मान व्यक्त करें।
वैष्णो देवी कैसे पहुंचें: कटरा के लिए निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन जम्मू है। आप जम्मू से वैष्णो देवी के आधार शिविर कटरा तक टैक्सी या बस ले सकते हैं। कटरा से माता वैष्णो देवी मंदिर तक आपको सड़क मार्ग से ट्रेक करना होगा या आप एक ट्रेकर किराए पर ले सकते हैं। यदि मौसम साफ है तो कटरा से माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार स्थल तक हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध है।
कहां ठहरें: आप जम्मू या कटरा में होटल बुक कर सकते हैं।
जांच करे: https://www.maavaishnodevi.org/
महत्वपूर्ण जानकारी:
▶ यह मंदिर साल के 365 दिन, 24 घंटे खुला रहता है।
▶ तीर्थयात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।
▶मंदिर में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
▶ मंदिर के अंदर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं है।
▶ तीर्थयात्रियों को अपना पानी और भोजन ले जाने की सलाह दी जाती है।
▶ ट्रेक के विभिन्न बिंदुओं पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
श्री राम जन्म भूमि, अयोध्या / Sri Ram Janma Bhumi
अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और इसे अक्सर राम जन्म भूमि के रूप में जाना जाता है। राम मंदिर भगवान राम को समर्पित एक मंदिर है और पवित्र शहर अयोध्या में स्थित है।
अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सरयू नदी के तट पर स्थित एक शहर है।
आप इस पवित्र स्थल पर सुंदर वास्तुकला देख सकते हैं और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं।
अयोध्या पहुच कर क्या करे: मंदिर जाएँ और सुंदर वास्तुकला देखें। इसके अलावा, रामकोट, हनुमान गढ़ी और नागेश्वरनाथ मंदिर भी जाएँ
कैसे पहुंचें: अयोध्या सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
कहां ठहरें: अयोध्या में होटल उपलब्ध हैं।
जांच करे: https://srjbtkshetra.org/
श्रीकृष्ण जन्म भूमि, मथुरा / Sri Krishna Janma Bhumi
मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है। भगवान श्री कृष्ण ने क्रूर राजा कंस के कारागार में स्वयं प्रकट होकर अपने पिता वासुदेव और माता देवकी को मुक्त कराया।
मथुरा एक पवित्र शहर है जिसमें कई मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो भारत में आध्यात्मिक अनुभव चाहने वाले भक्तों और यात्रियों को आकर्षित करते हैं। इसके खजानों में से, आपको भगवान श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर अवश्य देखना चाहिए, जो भगवान कृष्ण का दिव्य जन्म स्थल है। भगवान कृष्ण का उद्देश्य बुराई का नाश करना, सज्जनों की रक्षा करना और समाज में धर्म की स्थापना करना था।
मथुरा पहुच कर क्या करे: कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, बरसाना श्री राधा रानी मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, राधा कुंड, विश्राम घाट का दौरा करें और गोवर्धन हिल पर एक साहसिक यात्रा पर जाएं।
कैसे पहुंचें: आप सड़क, रेल और हवाई मार्ग से मथुरा पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग से: मथुरा, खेरिया हवाई अड्डे (एजीआर), आगरा, उत्तर प्रदेश से 46 किमी दूर है और मथुरा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (डीईएल), नई दिल्ली, दिल्ली से 136 किमी दूर है।
रेल मार्ग द्वारा: देश के अन्य प्रमुख शहरों से मथुरा के लिए नियमित ट्रेनें हैं। रेलवे स्टेशन: मथुरा जंक्शन (MTJ), मथुरा कैंट। (एमआरटी)।
रेल मार्ग द्वारा: देश के अन्य प्रमुख शहरों से मथुरा के लिए नियमित ट्रेनें हैं। रेलवे स्टेशन: मथुरा जंक्शन (MTJ), मथुरा कैंट। (एमआरटी)।
सड़क मार्ग द्वारा: मथुरा नियमित बसों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बस स्टेशन: मथुरा।
कहाँ ठहरें: आप मथुरा में होटल में ठहर सकते हैं। हालाँकि, आगरा में रहने की सलाह दी जाती है।
वृंदावन / Vrindavan
वृन्दावन भगवान कृष्ण के पवित्र घर के रूप में प्रसिद्ध है। यह शहर हिंदू धर्मग्रंथों में गहरा महत्व रखता है और आध्यात्मिक शांति चाहने वाले भक्तों के लिए पूजनीय है। वृन्दावन में इस्कॉन मंदिर जैसे प्रतिष्ठित मंदिरों के दर्शन करें और आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल हों।
करने योग्य काम: बांके बिहारी मंदिर, इस्कॉन मंदिर और राधा रमण मंदिर जैसे प्रतिष्ठित स्थलों का अन्वेषण करें, पवित्र अनुष्ठानों में भाग लें और इस पवित्र शहर की दिव्य आभा में डूब जाएं।
कैसे पहुंचें: आप सड़क और हवाई मार्ग से वृन्दावन पहुंच सकते हैं।
कहाँ ठहरें: आप वृन्दावन में होटल बुक कर सकते हैं।
काशी विश्वनाथ, वाराणसी / Kashi Vishvanath
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। यह पवित्र नदी गंगा की खाड़ी पर मौजूद है। यह भारत के सबसे प्राचीन पवित्र स्थलों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित है और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है जो दुनिया भर से भक्तों का स्वागत करता है।
वाराणसी पहुच कर क्या करे : सुंदर मंदिरों के दर्शन करें और पवित्र नदी में डुबकी लगाएं। घाटों के चारों ओर नाव की सवारी के माध्यम से शहर की सुंदरता का गवाह बनें और इस पवित्र स्थल पर प्रसिद्ध गंगा आरती में भाग लें।
कैसे पहुंचें: वाराणसी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप वाराणसी के लिए उड़ान भर सकते हैं या दिल्ली से ट्रेन या बस ले सकते हैं।
कहाँ ठहरें: आप होटल, अतिथि कक्ष या आश्रम में ठहर सकते हैं।
और जाने: https://www.shrikashivishwanath.org/
केदारनाथ मंदिर / Kedarnath Temple
भगवान शिव को समर्पित पवित्र केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु केदारनाथ आते हैं। केदारनाथ मंदिर एक भव्य दृश्य प्रस्तुत करता है, जो ऊंचे बर्फ से ढकी चोटियों से घिरे एक विस्तृत पठार के बीच में खड़ा है।
यह मंदिर मूल रूप से 8वीं शताब्दी में जगद् गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा बनाया गया था और यह पांडवों द्वारा बनाए गए पहले के मंदिर के स्थान के निकट स्थित है। यह प्रतिष्ठित स्थल एक तीर्थस्थल है जिसके बारे में मान्यता है कि यह भगवान शिव में विश्वास रखने वालों को दिव्य आशीर्वाद प्रदान करता है और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
छोटा चार धाम स्थलों में से एक के रूप में, यह शानदार परिदृश्य हिंदू भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है।
करने योग्य काम: प्राचीन केदारनाथ मंदिर का अन्वेषण करें, हिमालय की तलहटी में सुंदर ट्रैकिंग पर निकलें और आध्यात्मिक अनुष्ठानों और चार धाम यात्रा में डूब जाएं।
कैसे पहुंचें: आप दिल्ली से सड़क मार्ग से जा सकते हैं और देहरादून से हेलीकॉप्टर सेवाओं के माध्यम से भी पहुंचा जा सकता है।
कहाँ ठहरें: सीतापुर में गस्ट-हाउस और निजी होटल उपलब्ध हैं। सीतापुर (सोनप्रयाग के पास) केदारनाथ से लगभग 20 किमी दूर है।
और जाने: https://badrinath-kedarnath.gov.in/
ऋषिकेश /Rishikesh
ऋषिकेश उत्तराखंड के तेहरी गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है और भारत में एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। कई आश्रमों, मंदिरों और योग केंद्रों का घर, यह हिमालयी शहर दुनिया भर से आध्यात्मिक लोगों को आकर्षित करता है। आप आध्यात्मिक ज्ञान में शामिल हो सकते हैं और अपनी आत्मा को फिर से जीवंत कर सकते हैं।
करने योग्य काम: योग और ध्यान में डूब जाएं, बोट राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियों में शामिल हों और ट्रैकिंग और बंजी जंपिंग का प्रयास करें।
कैसे पहुंचें: देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से उड़ान भरें या हरिद्वार रेलवे स्टेशन से ट्रेन लें। और फिर ऋषिकेश के लिए कैब लें।
कहाँ ठहरें: हरिद्वार में होटल, आश्रम और होम स्टे उपलब्ध हैं।
और जाने: http://www.rishikeshtourism.in/
बद्रीनाथ / Badrinath
बद्रीनाथ भगवान विष्णु को समर्पित अपने प्रतिष्ठित बद्रीनाथ मंदिर के लिए अत्यधिक प्रतिष्ठित है। चार धाम स्थलों में से एक माने जाने वाले बद्रीनाथ की यात्रा हिंदू भक्तों के लिए शुभ मानी जाती है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपको अपने साथी और परिवार के साथ इस स्थान पर अवश्य जाना चाहिए।
करने के लिए काम: प्राचीन बद्रीनाथ मंदिर का अन्वेषण करें, हिमालय के राजसी दृश्यों की प्रशंसा करें और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लें।
कैसे पहुंचें: आप देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से उड़ान और बद्रीनाथ के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
कहाँ ठहरें: गस्ट-हाउस और निजी होटल उपलब्ध हैं।
और जाने: https://badrinath-kedarnath.gov.in/
हरिद्वार / Haridwar
हरिद्वार अपने आध्यात्मिक महत्व और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। शहर में हर की पौड़ी सहित कई पवित्र स्थल हैं, जहां भक्त गंगा आरती के लिए इकट्ठा होते हैं, जो एक मनमोहक अनुष्ठान है जो हर शाम नदी के किनारों को रोशन करता है। यह लाखों हिंदुओं के जमावड़े कुंभ मेले के चार स्थलों में से एक है।
हरिद्वार पहुच कर क्या करे: मां मनसा देवी मंदिर और मां चंडी देवी मंदिर जैसे प्राचीन मंदिरों का भ्रमण करें, पवित्र गंगा में डुबकी लगाएं और जीवंत शाम की आरती समारोह में भाग लें।
हरिद्वार कैसे पहुंचें: देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है, जबकि हरिद्वार जंक्शन केंद्रीय रेलवे स्टेशन है।
कहाँ ठहरें: गस्ट-हाउस और निजी होटल उपलब्ध हैं।
पुष्कर / Pushkar
भारत के अन्य हिंदू आध्यात्मिक स्थानों में से, पुष्कर भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है। यह अजमेर के उत्तर पश्चिम में स्थित है। पुष्कर अपनी पवित्र पुष्कर झील और भगवान ब्रह्मा को समर्पित ब्रह्मा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। तीर्थयात्रियों का मानना है कि पुष्कर झील के पवित्र जल में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं और आशीर्वाद मिलता है।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होने के अलावा, आपको रंगीन पुष्कर ऊंट मेले का भी दौरा करना चाहिए, जो शहर की जीवंत संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है।
पुष्कर पहुच कर क्या करे: पुष्कर झील की यात्रा करें, शांत घाटों का पता लगाएं, ब्रह्मा मंदिर, मनोरम दृश्यों के लिए आनासागर झील, सावित्री मंदिर, रंगजी मंदिर, श्री पंचकुंड शिव मंदिर, आत्मतेश्वर मंदिर और हलचल भरे बाजारों में पारंपरिक हस्तशिल्प की खरीदारी करें।
पुष्कर कैसे पहुंचें: निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में सांगानेर हवाई अड्डा है जो 146 किलोमीटर की दूरी पर है, और अजमेर जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है। पुष्कर राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्गों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पुष्कर से प्रमुख शहरों के लिए नियमित बसें चलती हैं।
कहां ठहरें: पुष्कर में कई नामी होटल मौजूद हैं।
और जाने: https://www.tourism.rajasthan.gov.in/pushkar.html
जगन्नाथ मंदिर, पुरी / Jagannath Temple, Puri
जगन्नाथ मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है और पुरी, ओडिशा में स्थित है।
पुरी हिंदू भक्तों और समुद्र तट प्रेमियों के लिए एक आध्यात्मिक स्वर्ग है।
यह मंदिर अपने वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए जाना जाता है, जिसके दौरान देवताओं को रथ जुलूस पर ले जाया जाता है।
पर्यटक सुंदर वास्तुकला का पता लगा सकते हैं और पुरी में रथ यात्रा उत्सव में भाग ले सकते हैं।
मंदिर के अलावा, आप गोल्डन बीच, कोणार्क सूर्य मंदिर और पुरी बीच भी देख सकते हैं।
पुरी पहुच कर क्या करे: गोल्डन बीच, कोणार्क सूर्य मंदिर और पुरी बीच, रथ यात्रा उत्सव में भाग लें और स्थानीय हस्तशिल्प के लिए आसपास के क्षेत्र का पता लगाएं और वास्तुशिल्प चमत्कारों की प्रशंसा करें।
कैसे पहुंचें: भुवनेश्वर पुरी का निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है। आप भुवनेश्वर से पुरी के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।
कहाँ ठहरें: पुरी में होटल उपलब्ध हैं।
और जाने: https://www.shreejagannatha.in/
सूर्य मंदिर, कोणार्क / Sun Temple, Konark
सूर्य मंदिर सूर्य देव को समर्पित है।
यह कोणार्क, ओडिशा में स्थित है।
यह अपनी शानदार वास्तुकला और जटिल विवरण के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर की दीवारों को एक रथ की तरह डिजाइन किया गया है, जो भगवान सूर्य के रथ का प्रतिनिधित्व करने वाले 24 पहियों से घिरा हुआ है।
यह भारत में सूर्य पूजा के शुरुआती केंद्रों में से एक था। राजा नरसिंह देव (1238-64) के शासनकाल में 1250 के आसपास निर्मित, यह सूर्य देव को समर्पित नींव की लहर के शिखर का प्रतीक है।
करने योग्य काम: सूर्य मंदिर, रामचंडी मंदिर जाएँ और स्थानीय समुद्र तटों का भ्रमण करें।
कैसे पहुंचें: भुवनेश्वर कोणार्क का निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है। आप भुवनेश्वर से कोणार्क तक टैक्सी या बस ले सकते हैं।
कहाँ ठहरें: होटल भुवनेश्वर या पुरी में उपलब्ध हैं।
और जाने: https://whc.unesco.org/en/list/246/
द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका / Dwarkadhish Temple, Dwarka
काठियावाड़ प्रायद्वीप के पश्चिमी सिरे पर स्थित द्वारका को भारत के सबसे पवित्र स्थलों – चार धामों, जिनमें बद्रीनाथ, पुरी और रामेश्वरम शामिल हैं – के साथ जोड़ा गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण इस शहर का निर्माण करने के लिए उत्तर प्रदेश के ब्रज से यहां पहुंचे थे।
मंदिर की स्थापना उनके पोते ने की थी। यह गोमती नदी और अरब सागर के मुहाने पर है, जो आध्यात्मिक स्थल को एक सुंदर पृष्ठभूमि प्रदान करता है।
ऐसा कहा जाता है कि द्वारका छह बार समुद्र में डूबी थी और अब जो हम देखते हैं वह उसका सातवां अवतार है।
द्वारका पहुच कर क्या करे: आप द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, द्वारका बीच, गोमती घाट, रुख्मणी मंदिर और गोपी तलाव की यात्रा कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें: आप हवाई, रेल और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं, द्वारका शहर में द्वारका रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से द्वारकाधीश मंदिर लगभग 2 किमी दूर है और सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा जामनगर और पोरबंदर में है।
कहाँ ठहरें: द्वारका में होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
और जाने: https://devbhumidwarka.nic.in/
महाकाल मंदिर,उज्जैन / Mahakal temple, Ujjain
महाकाल मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, माना जाता है कि महाकाल का लिंग स्वयंभू है, जो अपने भीतर से शक्ति की धाराएँ निकालता है, जबकि अन्य छवियों और लिंगों की तुलना में जिन्हें अनुष्ठानपूर्वक स्थापित किया जाता है और मंत्रोच्चार के साथ निवेशित किया जाता है। शक्ति.
कैसे पहुंचें: जाने का सबसे अच्छा तरीका रेल और सड़क मार्ग है। हालाँकि, नजदीकी शहर का हवाई अड्डा उपलब्ध है।
उज्जैन पहुच कर क्या करे: दर्शन करे
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर
कालभैरव मंदिर
हरसिद्धि मंदिर
वेदशाला
सांदीपनि आश्रम
चिंतामणि गणेश मंदिर
त्रिवेणी नवग्रह
मंगलनाथ मंदिर
गोपाल मंदिर
कहां ठहरें: उज्जैन में साधारण से लेकर 5 सितारा होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे उपलब्ध हैं।
और जाने: https://shrimahakaleshwar.com/
सोमनाथ महादेव ज्योतिर्लिंग / Somnath Mahadev Jyotirlinga
सोमनाथ महादेव ज्योतिर्लिंग गुजरात के वेरावल में भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है। यह भारत के 12वें ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है और हिंदू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
प्राचीन परंपराओं के अनुसार चंद्रमा ने एक स्वर्ण मंदिर बनाया था, उसके बाद रावण ने एक चांदी का मंदिर बनाया था, माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने चंदन से सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था।
बाद में ग्यारहवीं से अठारहवीं शताब्दी के दौरान आक्रमणकारियों द्वारा कई अपवित्रताएं हुईं। हर बार लोगों की पुनर्निर्माण भावना से मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। आधुनिक मंदिर का पुनर्निर्माण सरदार पटेल के संकल्प से किया गया, जिन्होंने 13 नवंबर, 1947 को सोमनाथ मंदिर के खंडहरों का दौरा किया था।
सोमनाथ पहुच कर क्या करे: मंदिर में भगवान शिव के प्रति सम्मान व्यक्त करें और आसपास के अन्य पवित्र स्थलों का भ्रमण करें। सोमनाथ बीच और पंच पांडव गुफा की यात्रा करना न भूलें।
कैसे पहुंचें: वेरावल सोमनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन है। आप अहमदाबाद से बस लेकर भी सोमनाथ पहुंच सकते हैं।
कहाँ ठहरें: सोमनाथ या वेरावल में होटल उपलब्ध हैं।
और जाने: https://somnath.org/
तिरूपति बालाजी मंदिर / Tirupati Balaji Temple
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम एक पवित्र तीर्थस्थल है जो श्री वेंकटेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित, यह मंदिर दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ-साथ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। भगवान श्री वेंकटेश्वर, जिन्हें श्रीनिवास, बालाजी और वेंकटचलपति के नाम से भी जाना जाता है, ने पांच हजार साल पहले तिरुमाला को अपना निवास स्थान बनाया था। उनसे भी पहले भगवान वराहस्वामी ने ही तिरुमाला को अपना निवास स्थान बनाया था।
भारत में घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध हिंदू आध्यात्मिक/धार्मिक स्थानों में से एक के रूप में तिरुपति हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
करने के लिए काम: श्री वेंकटेश्वर मंदिर की आश्चर्यजनक वास्तुकला, श्री कपिलेश्वर स्वामी मंदिर जैसे अन्य पवित्र स्थलों की यात्रा करें, झरने का दौरा करें और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लें।
कैसे पहुंचें:तिरुपति का अपना हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है।
कहाँ ठहरें: ठहरने की व्यवस्था तिरूपति मंदिर संगठन की साइट पर ऑनलाइन की जा सकती है। होटल और गेस्ट हाउस भी उपलब्ध हैं।
और जाने: https://www.tirumala.org/
रामनाथस्वामी मंदिर / Ramanathaswamy Temple
रामेश्वरम तमिलनाडु का एक शहर है जो रामनाथस्वामी मंदिर के लिए जाना जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
यह शहर हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए भारत के पवित्र चार धाम स्थलों में से एक है।
करने के लिए काम: रामनाथस्वामी मंदिर के अलावा, आप अरुल्मिगु रामनाथ स्वामी मंदिर, पंबन ब्रिज और अन्य लोकप्रिय स्थानों का पता लगा सकते हैं।
कैसे पहुंचें: मदुरै, रामेश्वरम का निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है। आप मदुरै से रामेश्वरम तक टैक्सी या बस ले सकते हैं।
कहाँ ठहरें: होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
और जाने: https://rameswaramramanathar.hrce.tn.gov.in/
सबरीमाला / Sabarimala
सबरीमाला अपने प्रतिष्ठित सबरीमाला मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो भगवान अयप्पा को समर्पित है। यह क्षेत्र महत्वपूर्ण पौराणिक महत्व और प्राकृतिक वैभव रखता है। आप इस पवित्र मंदिर में आशीर्वाद लेने के लिए जंगली पहाड़ियों के बीच से गुजर सकते हैं।
करने के लिए काम: सबरीमाला मंदिर जाएं, शांत वातावरण का पता लगाएं, अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं में शामिल हों, स्थानीय व्यंजनों का आनंद लें और आस-पास की दुकानों से स्मृति चिन्ह खरीदें।
कैसे पहुंचें: निकटतम हवाई अड्डा त्रिवेन्द्रम हवाई अड्डा है, और रेलवे स्टेशन कोच्चि में है। वहां से आप सबरीमाला पहुंचने के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।
कहाँ ठहरें: होटल उपलब्ध हैं।
और जाने: https://sabarimalaonline.org/
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